सबसे खतरनाक होता है मुर्दा शान्ति से भर जाना

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सोमवार, 2 नवंबर 2009

ठाकरे तुम्हारे बाप की है मुंबई?

देश तोडऩे और सांप्रदायिक फसादों के लिए कुख्यात बर्बरता की ढाल ठाकरे उर्फ बाल ठाकरे के भतीजा राज ठाकरे ने एक बार फिर अपने चुतियापे का परिचय दिया है। उसने कहा है कि महाराष्ट्र में जो नये विधायक चुनकर आये हैं उन्हें मराठी में ही शपथ लेना होगा। यह धमकी उसने इस अंदाज में दी है जैसे महाराष्ट्र उसके बाप का है! इस हरामखोर ने यह भी धमकी दी है कि 'सिर्फ मराठी में' शपथ नहीं लेने पर नये विधायकों को मनसे विधायकों के आक्रोश का सामना करना पड़ेगा। लगता है शपथ-ग्रहण समारोह विधानसभा के बजाये उसकी मां के .... में होने जा रहा है।ठाकरे इस तरह का चुतियापा क्यों कर रहा है? मुझे लगता है इस सवाल का जवाब उन तमाम लोगों को मालूम है जो हर दिन गुनगुनाते हैं- सारे जहां से अच्छा हिन्दोस्तान हमारा। हिन्दी हमारी हिन्दोस्तान में रहने वाले लोगों की जुबान है। मराठी और अन्य भाषाएं उसकी बहन स्वरूप हैं। किसी को मराठी बोलने के लिए बाध्य करना न सिर्फ फांसीवादी मानसिकता का परिचायक है, बल्कि देश को तोडऩे और तबाह करने की विदेशी साजिश है। इस हरामखोर की औलाद ठाकरे बंधुओं को कोई यह समझाये कि यदि हिन्दी फिल्मों का कारोबार मुंबई में नहीं होता तो क्या मुंबई सुर्खियों में होती? उसे आज जो सम्मान है, क्या मिल पाता? कोई इन ठाकरे बंधुओं से पूछे - मुंबई को दिया क्या है? जवाब मैं बता रहा हूं- इन्होंने दिया है दाउद इब्राहिम, आतंकवाद, मुंबई ब्लास्ट, दंगा-फसाद आदि? यानी यहां जो कुछ अमानवीय है, ठाकरे बंधुओं की देन है।
और अंत में, आईए ठाकरे बंधुओं को उन्ही की भाषा में जवाब देकर देश की अखंडता की हिफाजत करें।

1 टिप्पणी:

  1. पता नहीं ये देशद्रोही मूर्खों की जमात अभी इस देश को ओर कितने टुकडों में बांटेंगें....ओर ये समाज बस नपुंसक की तरह खडा देखता रहेगा......
    सच पूछिए तो इस देश का कुछ नहीं हो सकता... शायद आजादी मिलना इसे रास नहीं आ रहा ।

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