सबसे खतरनाक होता है मुर्दा शान्ति से भर जाना

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गुरुवार, 4 जून 2009

मुजफ्फरपुर में हुआ था लोटा-धोती आंदोलन

ब्रिटिश हुकूमत भले ही अपनी कूटनीति के सहारे हिन्दुस्तान पर दो सौ साल शासन करने में सक्षम रही, लेकिन हकीकत यह भी है कि अंदर से हुक्मरान काफी कमजोर और डरपोक थे। शायद यही वजह थी कि स्वतंत्रता संग्राम के दौरान ब्रिटिश हुक्मरान मुजफ्फरपुर में लोटा और धोती आंदोलन से डर गये। जंग-ए-आजादी में मुजफ्फरपुर की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। 1920, 1930, 1931 और 1942 में यहां के लोगों ने जो त्याग और बलिदान किया, वह इतिहास का स्वर्णिम अध्याय है। 1757 की पलासी की लड़ाई के बाद ईस्ट इंडिया कंपनी ने बंगाल का शासन संभाला। बिहार उन दिनों बंगाल में ही था। तिरहुत की जनता ने मन से इस हुकूमत को कभी नहीं स्वीकारा। 1855 में मुजफ्फरपुर जेल के कैदियों ने लोटा आंदोलन किया। जेल प्रशासन को आशंका थी कि कैदी पीतल के लोटे से उन पर हमला न कर दें। इसी डर से उन्हें पानी पीने के लिए पीतल के लोटे के बजाय मिट्टी के बर्तन दिये गये। कैदियों ने इसे अपमान समझा और बगावत शुरू कर दी। जेल में कई दिनों तक कैदियों ने आंदोलन चलाया। अंतत: जेल प्रशासन को अपना आदेश वापस लेना पड़ा। बहरहाल, 1917 में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने अपने राष्ट्रीय मुक्ति आंदोलन की शुरुआत उत्तर बिहार से की। उन्होंने चंपारण में नील की खेती करने वाले अंग्रेज जमींदारों के शोषण के खिलाफ निर्णायक आंदोलन छेड़ा। गांधी जी के इस आंदोलन में सैकड़ों लोग शामिल हुए। इसी दरम्यान इस क्षेत्र के डाक कर्मचारियों ने धोती आंदोलन चलाया। इसका नेतृत्व योगेन्द्र प्रसाद श्रीवास्तव और सहदेव राम कर रहे थे। दोनों के नेतृत्व में डाक कर्मचारियों ने अंग्रेजों के सामने धोती धारण कर उन्हें न सिर्फ चिढ़ाया, बल्कि अवाम के बीच स्वदेशी का स्वाभिमान भी जगाया। लोग उनके साथ थे और हुकूमत खुद को बेबस पा रही थी।
आजादी के दीवाने
मथुआ मंडल, सुंदर महरा, सुखदेव राउत, परसन साह, हरिहर प्रसाद, वशिष्ट सिंह, अनुराग सिंह, रामनंदन साह, वंशी दास, भदई कवारी, अमीर सिंह, रामयाद तिवारी, जोगेन्द्र सिंह, चतुर्भुज सिंह, सहदेव साह, महावीर राउत, गोकुल सहाय, मौजे झा, जुब्बा सहनी, प्रदीप साह, बांगुर सहनी, जानकी सिंह, अमीर सिंह, रामफल मंडल, बलदेव महतो, राम बहादुर प्रसाद, रामखेलावन राय, रामगुलाम साह, रासबिहारी सिंह, अनिरुद्ध सिंह, सिंहेश्वर ठाकुर, मथुरा ठाकुर, रामअवतार राम, सरयू सिंह, खेलावन दास, भगवान लाल, रामनारायणणति, केश्वर साही, दीपनारायण मिश्र, सहदेव साह, विशनदेव पटवा, जय गोविन्द पासवान, महादेव राउत, मो. हसीन, मो. युसूफ, सकल राय, सुकन ठाकुर, छकौरी लाल, अनुराग सिंह, बैकुंठ शुक्ल, योद्धा सिंह।

रिपोर्ट - एम. अखलाक

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