संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी है कि दुनिया में भुखमरी बढ़ रही है। संयुक्त राष्ट्र ने दुनिया की सभी सरकारों व नागरिक संगठनों से भुखमरी की समस्या से निपटने के लिए हर संभव कोशिश करने की अपील की है। एक आकलन के मुताबिक दुनिया में गरीबी के चलते एक अरब से ज्यादा लोगों को रोज भूखा सोना पड़ता है। वैश्विक भुखमरी से निपटने के लिए संयुक्त राष्ट्र विश्व खाद्य कार्यक्रम [डब्ल्यूएफपी] और मिलेनिया विलेज प्रोजेक्ट [एमवीपी] आपसी भागीदारी पर सहमत हो गए है हैं। डब्ल्यूएफपी की प्रमुख जोसेट शीरान ने बताया, 'दुनिया में भूखे लोगों की तादाद लगातार बढ़ रही है। यह सहस्राब्दि विकास लक्ष्य [मिलेनियम डेवलपमेंट गोल] के लिए सबसे बड़ा खतरा है। वर्तमान में इस धरती पर हर छह में एक व्यक्ति भूखा जागता है। यह दावा भी नहीं किया जा सकता कि शाम तक वह खुद के लिए खाना जुटा पाएगा या नहीं। जब दुनिया में एक अरब लोग भूखे सोते और जागते हों तो तत्काल निर्णय लेना जरूरी हो जाता है।' शीरान ने भोजन सीधे किसान से खरीदे जाने पर जोर दिया। उनका कहना है कि 'बाजार से दूर किसानों से खाद्यान्न खरीदना उनकी भूख के कुचक्र को तोड़ने का सबसे प्रभावशाली तरीका हो सकता है। डब्ल्यूएफपी ने भूख की समस्या से जूझ रहे देशों की मदद के लिए नियमों में काफी बदलाव किया है। यह विकासशील देशों के किसानों से खाद्य आपूर्ति का 80 फीसदी हिस्सा खरीदती है।' शीरान के मुताबिक विकासशील देशों में 70 फीसदी किसान महिलाएं हैं। एमवीपी ने भुखमरी से सबसे अधिक प्रभावित इलाकों में महिलाओं व बच्चों को कुपोषण मुक्त करने का लक्ष्य रखा है। वैज्ञानिक शोधों से भी स्पष्ट है कि दो साल से कम उम्र के बच्चे को पर्याप्त पोषण नहीं मिलने पर उसके मस्तिष्क और शरीर का विकास नहीं होता। संयुक्त राष्ट्र महासभा के उद्घाटन भाषण में हिलेरी क्लिंटन ने दुनिया से भुखमरी खत्म करना ओबामा प्रशासन का प्रमुख लक्ष्य बताया था।
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